सड़क के किनारे नंदू जी का कांच का मकान था
हाँ हाँ भई!! दिखने में तो चमकीला और आलीशान था
मेले में कम और इनके घर के अगल- बगल ज़्यादा चहल-पहल है
पड़ोस वाली चाची तो कहती हैं "सच्ची जी ! हमारी गली का तो ये , ताजमहल है "!!
बताये नंदू किसे उसकी मुसीबत कैसी है?
कांच का मकान बनाने के चक्कर में , सामान के साथ-साथ गैस भी तो बेचीं है !!
कांच के मकान में बैठा नंदू , कोयले के चूल्हे पर रोटी सेंकता है
बाहर निकले घर के किराए की चमक पहनकर
देखिये कैसे लम्बी-लम्बी फेंकता है !
पनवारी कहता है "चोरियां बड़ी हो रही हैं जी गली में आजकल
हमारा तो झोंपड़ा है , पर बचिये! आपका तो है कांच का महल "!!
नंदू जी रात-रात भर घर का पहरा देते हैं
कहीं चोर घर में घुस ये न देख ले
"कांच के महल में रहने वाले चूल्हे पर रोटी सेंकते हैं !"
गर्लफ्रेंड बनाने की बात से ही नंदू जी चकरा जातें हैं,
घर आएगी तो क्या कहेगी "हे भगवान!! आप चूल्हे पर रोटी बनातें हैं?"
ऑफिस के दोस्तों को घर बुलाने की बात से ही नंदू जी कतरा जातें हैं
घर आएंगे तो हँसते हुए कहेंगे "अरे वाह! नंदू जी आप तो चूल्हे पर रोटी बनाते हैं?"
गली में क्रिकेट खेलते बच्चों की गेंद देख, नंदू जी घबरा जातें हैं
कांच टूटे तो लोग क्या कहेंगे "कांच के मकान वाले, चूल्हे पर रोटी बनाते हैं?"
आप कहते हैं "ले ही लीजिये न फिर तो गैस कनेक्शन "!!
जानते भी हैं, गैस कनेक्शन में कितने पैसे जातें हैं?
और आप क्या सोचते हैं, घर की महंगी साफ़-सफाई के लिए
पैसे क्या थाईलैंड से आते हैं?
न चैन की सांस , न सुकून की नींद ले पाते हैं
यही सोच-सोच लोग क्या कहेंगे "कांच के मकान वाले चूल्हे पर रोटी बनाते हैं?"
न अकेले रहते बनता है, न ही लोगों को घर साथ लाने में !!
शानौ-शौकत की होड़ में , पिस गए नंदू जी अनजाने में !
अब रास्ते पर मिलतें तो ,कहते हैं
"बेच ही देंगे अब तो! इतना महंगा घर सम्भालना मुश्किल है
हमे तो लगता है , किराए के घर ही जीने के ज़्यादा काबिल हैं!"
चमकू चाय की दूकान पर नंदू जी से कहता है ,
"नंदू जी!! हम भी आप ही की तरह कांच का मकान बनाने वाले हैं !!"
और नंदू जी आह भरकर हौले से कहते हैं
"बेटा चमकू, तुम्हारे चूल्हे पर रोटी बनाने के दिन आनेवाले हैं "
हाँ हाँ भई!! दिखने में तो चमकीला और आलीशान था
मेले में कम और इनके घर के अगल- बगल ज़्यादा चहल-पहल है
पड़ोस वाली चाची तो कहती हैं "सच्ची जी ! हमारी गली का तो ये , ताजमहल है "!!
बताये नंदू किसे उसकी मुसीबत कैसी है?
कांच का मकान बनाने के चक्कर में , सामान के साथ-साथ गैस भी तो बेचीं है !!
कांच के मकान में बैठा नंदू , कोयले के चूल्हे पर रोटी सेंकता है
बाहर निकले घर के किराए की चमक पहनकर
देखिये कैसे लम्बी-लम्बी फेंकता है !
पनवारी कहता है "चोरियां बड़ी हो रही हैं जी गली में आजकल
हमारा तो झोंपड़ा है , पर बचिये! आपका तो है कांच का महल "!!
नंदू जी रात-रात भर घर का पहरा देते हैं
कहीं चोर घर में घुस ये न देख ले
"कांच के महल में रहने वाले चूल्हे पर रोटी सेंकते हैं !"
गर्लफ्रेंड बनाने की बात से ही नंदू जी चकरा जातें हैं,
घर आएगी तो क्या कहेगी "हे भगवान!! आप चूल्हे पर रोटी बनातें हैं?"
ऑफिस के दोस्तों को घर बुलाने की बात से ही नंदू जी कतरा जातें हैं
घर आएंगे तो हँसते हुए कहेंगे "अरे वाह! नंदू जी आप तो चूल्हे पर रोटी बनाते हैं?"
गली में क्रिकेट खेलते बच्चों की गेंद देख, नंदू जी घबरा जातें हैं
कांच टूटे तो लोग क्या कहेंगे "कांच के मकान वाले, चूल्हे पर रोटी बनाते हैं?"
आप कहते हैं "ले ही लीजिये न फिर तो गैस कनेक्शन "!!
जानते भी हैं, गैस कनेक्शन में कितने पैसे जातें हैं?
और आप क्या सोचते हैं, घर की महंगी साफ़-सफाई के लिए
पैसे क्या थाईलैंड से आते हैं?
न चैन की सांस , न सुकून की नींद ले पाते हैं
यही सोच-सोच लोग क्या कहेंगे "कांच के मकान वाले चूल्हे पर रोटी बनाते हैं?"
न अकेले रहते बनता है, न ही लोगों को घर साथ लाने में !!
शानौ-शौकत की होड़ में , पिस गए नंदू जी अनजाने में !
अब रास्ते पर मिलतें तो ,कहते हैं
"बेच ही देंगे अब तो! इतना महंगा घर सम्भालना मुश्किल है
हमे तो लगता है , किराए के घर ही जीने के ज़्यादा काबिल हैं!"
चमकू चाय की दूकान पर नंदू जी से कहता है ,
"नंदू जी!! हम भी आप ही की तरह कांच का मकान बनाने वाले हैं !!"
और नंदू जी आह भरकर हौले से कहते हैं
"बेटा चमकू, तुम्हारे चूल्हे पर रोटी बनाने के दिन आनेवाले हैं "
a beautifully written poem
ReplyDeleteThank you! Glad that you took out time to comment :D
DeleteChulhe pe roti banayenge and aapko khilayenge :D
ReplyDeleteThis was so simple yet so beautiful.